Message from Manager
श्री विमल कुमार यादव (प्रबन्धक)
सर्वप्रथम विद्यालय की पत्रिका के 9वे संस्करण के प्रकाशित होने के लिए मैं समस्त सम्पादक मण्डल को बधाई देता हूं इस पत्रिका के माध्यम से जनमानस को अपनी यह चिंता जाहिर करता हूं कि वर्तमान में जीवनशैली और आघुनिकीकरण के कारण हम स्वयं अपने लिए बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं। हम घरों को ढण्डा कर रहे हैं पर बाहर का तापमान व दिमाग का संतुलन बिगड़ रहे हैं।
ग्लोबल वार्मिंग रोकने की तरफ तेजी से न लगा गया तो 21वी सदी वीं के अन्त तक समुद्र तल का स्थल 1.5 मी0 तक बढ़ सकता है, जो समूचे विश्व के लिए बेहद ख़तरनाक होगा।
तो आइये एक कदम प्रकृति की तरफ बढ़ाते हैं प्रदूषण घटाते हैं, वायुमण्डल स्वच्छ बनाते हैं।
Message from Principal
श्री नीरज कुमार सिंह (प्रधानाचार्य)
सर्वप्रथम विद्यालय की पत्रिका के 9वे संस्करण के प्रकाशित होने की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। विघालय की पत्रिका के योगदान के लिए मैं र्शिक्षको, विघाथियो वह सम्पादकमण्डल का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।
एक गुरु के रूप में ईश्वर व विघालय के संस्थापक, प्रबन्धक जी को धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे प्रधानाचार्य के पद पर कार्य करने का अवसर प्रदान किया।
किसी भी व्यक्तित के जीवन पर उसके माता -पिता से ज्यादा उसके गुरु का प्रभाव पड़ता है।
हमारे देश की संस्कृति में गुरु का हमेशा से ऊंचा स्थान रहा है।
गुरु के समुचित मार्गदर्शन और सहयोग से ही कोई व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल कर सकता है। वे ही मामले सपनों को पोषित करते हैं, हमारी प्रतिभा को कोई व्यक्तित अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल कर सकता है।
वे ही हमारे सपनों को पोषित हैं। हमारी प्रतिभा को निखारते हैं और हमारी सहायता करते हैं।
गुरु की दी र्शिक्षा मात्र साक्षरता और तथ्यपरक ज्ञान ही नहीं है यह तो सहिष्णुता,समक्ष करूणा और मानवता में निहित बुद्धि विवेक का विकास भी है।