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लगभग 107 वर्ष पूर्व स्व: बहादुर राम गोप (बाबा जी) का जन्म 2 फरवरी 1904 में सीतापुर जिले के एक कृषक परिवार में श्री दुर्गाप्रसाद जी के घर हुआ श्री दुर्गाप्रसाद जी के दो पुत्र हुए थे | जिसमे शी श्री बाबू लाल अग्रज और बहादुर राम गोप जी अनुज थे |
श्री दुर्गाप्रसाद जी एक परिश्रमी और उदार वक्ती थे | जिस प्रकार वे परिश्रम के दुारा सफलता प्राप्त करते थे वैसे ही संस्कार उन्होंने अपने दोनों पुत्रों में भी डाले | अपनी व्येव्सायिकी को जारी रखते हुए श्री दुर्गाप्रसाद जी सन 1916 में लखनऊ तेलीबाग स्थित क्षेत्र में आकर बस गये | श्री दुर्गाप्रसाद जी उस वक्त अंग्रेजी फ़ौज को दूध सप्लाई करने का काम करते थे और उनके इस कार्य में उनके दोनों पुत्रों का भी पूर्ण सहयोग था | गत वर्ष समाज में र्शिक्षा का पूर्ण आभाव हुआ करता था , विधालयी र्शिक्षा भी सिमित थी |

इस कारण उनके दोनों पुत्र शिमित र्शिक्षा ग्रहण कर पाए थे परन्तु मन में र्शिक्षा के प्रति लगाव को समाप्त न कर पाए बहादुर राम गोप जी को र्शिक्षा का आभाव कंटक के समान चुभ रहा था और उन्होने मन ही मन र्शिक्षा के आभाव को दूर करने का प्रण किया वो नहीं चाहते थे कि आगे आने वाली पिढी भी उनकी तरह 5वी कक्षा तक सिमित रह जाए इस कारण आगे चलकर इन्होने लखनऊ क्षेत्र में जहां जहां विघालय निर्माण कार्य शुरू होना था उन्होंने इसमें अपना पूर्ण सहयोग दिया इसी क्रम में राम भरोशे मैकूलाल इंटर कॉलेज तेलीबाग के निर्माण मैं भी इनका हाथ तपशचात इन्होंने सन् 1972 में इसी क्षेत्र में बाल विकास मान्टेसरी विद्यालयव की नींव डाली |

इस प्रकार र्शिक्षा के आभाव को दूर करते हुए स्वयं को आत्मसन्तुस्टि दी परन्तु उनका यह कय थमा नहीं उन्होंने अपनी प्रक्रिया को जारी रखा |

श्री बाबू लाल जी की दो पुत्री थी जिसमे कलावती बड़ी व ब्रह्मामादेवी छोटी थी | बहादुर राम गोप जी के पुत्र कालीचरन व पूरन चन्द यादव जी हुए अपने पिता के प्रयासों के नक्शे कदम पर चलते हुए तथा शैक्षिक पता को आगे बढ़ते हुए श्री कालीचरण जी ने अपने पिता के नाम का विद्यालाय आज उसी क्षेत्र में निर्माणत करवाया जो वर्तमान समय में भी आर गोप पब्लिक हाई स्कूल के नाम से स्थापित है इस विद्यालाय की स्थापना 1997 में हुई | सर्प्रथम श्री कालीचरण जी ने अपने ताओ (बाबू लाल) जी की पुत्री ब्रह्मामादेवी के हाथों इस विद्यालाय में सवर्प्रथम दो कमरों के पत्थर लगवाकर इसके निर्माण कार्य को आगे बढ़या | सर्प्रथम बने दो कमरे बाबा जी बहादुर राम गोप जी की स्मृति में पूरे विद्यालाय को सौंप दिए बाबा जी के पुत्र कालीचरन जी का जन्म 27 दिसम्बर…. में हुआ | तपशचात इनका विवाह 18 वर्ष किन् आयु में श्री मती मुन्नी देवी जी से (पुत्री श्री बाबू लाल महतो ग्राम इटौली काकोरी लखनऊ) से हुआ | श्री कालीचरन जी ने श्री मती मुन्नी देवी जी को इस विद्यालाय की अध्यछा के पद पर आसित किया इस प्रकार पुत्र एवं पुऋवघू ने एक साथ ही अपने पूज्य पिता जी परिश्रम एवं प्रयासो का सम्मान रखते हुए आने वाले समय तक के लिए उनका नाम रौशन कर दिया | विगत वर्ष विद्यालाय की अध्यछा रही श्री मती मुन्नी देवी जी का 25 मई 2010 निधन हो गया जिसके कारण बी आर गोप परिवार में एक अपर क्षति हुयी | ग्रत वर्षो से सफलता की पगडंडी पर चलते आ रहे इस विद्यालाय ने वर्तमान काल में अपनी एक मजबूत नींव रख ली है